Tuesday, April 17, 2012

अलविदा दोस्तों....


बहुत दिनों बाद पुनः एक नई और अंतिम कहानी के साथ आपके समक्ष प्रस्तुत हो रहा हूँ आशा है मैं आप सभी के दिलों में हमेशा के लिए अपनी जगह बना पाऊँगा...
एक बहुत ही छोटा सा प्यारा सा बच्चा था ३ साल का. वह कभी भी मुसीबतों से घबराता नहीं था. हमेशा मुस्कराता हुआ उसका चेहरा सबको खुश कर देता था. वह अपने घर की एकमात्र संतान जो बिस्तर में ३ साल से था क्योंकि उसकी ब्रेन की दवाइयाँ चल रही थी. उन दवाइयों की वजह से और दिमाग में आने वाले झटकों के कारण वह पूरी तरह से विकसित नहीं हो पा रहा था. इसके बावजूद घर के सभी सदस्य आशा के साथ उसके स्वस्थ होने की उम्मीद में थे. सभी उससे बहुत बहुत प्यार करते थे.
नाना जी, दादा जी और बड़े पापा उसके सबसे प्यारे थे. मम्मी पापा का लाडला, नाना-नानी का दोस्त, बाकि बच्चों का दुलारा वह बच्चा ८ अप्रैल को अस्पताल जाते जाते रास्ते में ही अपना शरीर त्याग दिया. और सबको अकेला छोड़ वह दूसरी शरीर यात्रा के लिए निकल पड़ा.
उस प्यारे से छोटे बच्चे के परिजन उसके अगले शरीर यात्रा में सुन्दर और स्वस्थ शरीर की कामना करते हुए उसे आशीर्वाद दिए.
आप सभी से निवेदन है कि आप भी इस दिवंगत आत्मा के सुन्दर भविष्य के लिए प्रार्थना करें.
क्या आप जानना चाहोगे यह प्यारा बच्चा कौन है?
यह, मैं.... याने आदित्य... आपका प्यारा दोस्त हूँ.....
आप सभी से बिछुड़ते मुझे बहुत दुःख हो रहा है पर एक सुन्दर और स्वस्थ शरीर की कल्पना से मुझे आशा की एक किरण नज़र आ रही है.
एक ऐसा स्वस्थ शरीर मुझे चाहिए जिससे मैं इस सुन्दर सृष्टि के लिए और मानवता के लिए कार्य कर सकूँ.......
आप सभी ने मुझे बहुत सा प्यार और आशीर्वाद दिया उन सबके लिए मैं आप सभी का शुक्र गुजार हूँ.....
आप सभी स्वस्थ और प्रसन्न रहें इसी कामना के साथ आपका प्यारा आदित्य आप सभी से विदा लेता है.
अलविदा प्यारे दोस्तों!
आपका प्यारा, नन्हां आदित्य