Saturday, February 19, 2011

प्यारे दोस्तों आज मैं बहुत ही ज्यादा खुश हूँ मम्मी- पापा, दादा- दादी घर के सब बहुत ही खुश हैं...
क्यों???....
आज हम walker की मदद से चलने जो लगे किसी ने भी नहीं सोचा था कि हम चलने लगेंगे वह भी इतनी जल्दी क्योंकि हम किसी भी चीज को ठीक से पकड़ नहीं पाते ना!
मेरी एक auntie जो पड़ोस में रहती हैं, मुझसे बहुत ही प्यार करती हैं वह मुझे रोज Practice करवाती थीं. उनके घर में ही आज मैने चलना सिखा. मुझे चलता देखा वो ख़ुशी से उछल पड़ीं और उन्होंने अपने घर में सबको बुलाया.
है ना ख़ुशी वाली बात! :)
चलिए अब मैं आपको दूसरी और खबर बताता हूँ.
अनन्या दीदी ने घर में सब लोगों को बता दिया है कि वह अब School नहीं जायगी...
क्यों?
उसे उसकी teacher बहुत डांटती थी ना! उसे खिलौने भी नहीं छूने देती थी जबकि गाजियाबाद वाली Teacher उसे बहुत प्यार से पढ़ाती थी.
अनन्या को बहुत कहा गया "बेटा स्कूल जाओ..."और भी बहुत कुछ, दीदी ने कहा पहले मेरी Teacher को समझाये कि वो मुझसे प्यार से बात करें.
अब दीदी के पापा गए, teacher को समझाया गया उन्होंने कहा अब वह कभी नहीं डाँटेंगी. फिर क्लास में teacher ने दीदी से पुछा कि अनन्या प्यार से कैसे बोलते हैं? तब दीदी ने उन्हें प्यार से बताया " अनन्या ...बैग से पेंसिल निकालो....ऐसा बोलना चाहिए"
मेरी मम्मी कहती है तब तक तो school की घंटी बज जाएगी.... :)
वैसे अनन्या दीदी ने कहा है वह जीवन विद्या के school में ही पढ़ने जाएगी.
अब अंशुमन भाई ने भी चलना शुरू कर दिया है और अनन्या दीदी उनका बहुत ध्यान रखती है.
ओहो! बात-बात में तो मैं आपको ये बताना ही भूल गया कि अनन्या दीदी का जन्मदिन ४ जनवरी को बड़े धूम धाम से मना. दीदी ने कुछ चित्र भेजें हैं उन्हें मैं आपको दिखाता हूँ.
ये रहे-

अनन्या दीदी अंशुमन भाई के walker में (मम्मी ने मना किया है..फिर भी! humm)

अंशुमन भैय्या

भैय्या अपने walker में नानी - दादी के साथ

भैय्या के निराले अंदाज

दीदी के नाना जी balloon फूलाते हुए

और इधर बस फ्रिज खुला नहीं कि अंशुमन भैय्या पास में.

अनन्या दीदी की मम्मी और बड़ी मम्मी

अंशुमन भैय्या अंजली दीदी के साथ

दीदी के साथ आर्यन भैय्या, अंजली दीदी और अखिल भैय्या


आर्यन भैय्या और अनन्या दीदी की खूब पटती है लड़ाई और खेल ये तो चलता ही रहता है

अनन्या दीदी के बड़े पापा ,आशीष भैय्या और अखिल भैय्या

दीदी के दादा जी और नाना जी

और ये रहे दीदी के पापा (जो अनन्या को कभी नहीं डांटते) अंशुमन के साथ

अब ये क्या हो रहा है? दीदी Computer में मम्मी पापा का चित्र देखते हुए

अनन्या दीदी को मम्मी पार्टी के लिए तैयार कर रही हैं.

अब ये रही दीदी...कितनी सुन्दर लग रही है परी जैसे...
पर अब थोड़ा भाव भी बढ़ गया है हर कोई दीदी के साथ ही बैठना चाह रहा है तो थोड़ा इतराया भी जा रहा है.


ये है अंशुमन अपनी नानी के साथ

अब आई बारी केक काटने की पर ये दीदी के मामा क्या कर रहे हैं ?

दीदी के कुछ खिलौने जो उनको बहुत पसंद हैं उन्हें भी साथ में रख दिया है :D




अब केक में मोमबत्तियां जल गई हैं




दीदी उन्हें बुझाना चाहती हैं पर पहले दीदी की पूजा होगी
सो दीदी नाराज़ हैं :)

पूजा ख़त्म और दादा जी ने पहले टिका लगाया

फिर नाना जी ने

फिर बड़े पापा ने.घर के सभी लोगों ने टिका लगाया

यह है दीदी का प्यारा सा केक



केक कटते ही घर दीदी को "happy birth day Annyaa " की आवाज़ से गूंज उठा
मम्मी ने दीदी का हाथ पकड़ कर केक कटवाया


दादा जी ने दीदी को केक खिलाया पर दीदी तो खुद से निकाल कर खाना चाहती है

लेकिन मम्मी ने केक ले लिया अब क्या करे तो दीदी का पारा चढ़ गया

एक तो मम्मी ने केक कटवाया और खाने भी नहीं दिया अब चाकू भी छीना जा रहा है....humm

कोई बात नहीं है दीदी ये देखो आपके लिए केक आ गई

दीदी खाने में मगन

और उन्हें उपहार भी दिया जा रहा है पर केक ज्यादा महत्वपूर्ण है सो पहले उसे ख़त्म किया जाये

अब अनन्या दीदी ने सबको चॉकलेट बांटा


घर में भोजन हुआ
अब आई बारी gift देखने की बहुत से गिफ्ट मिले थे दीदी बहुत खुश हुई

और भैय्या भी दीदी के गिफ्ट के packing से. :)