Friday, March 26, 2010

मेरे दोस्तों के चित्र और एक प्रतियोगिता का आयोजन

दीक्षा गजबिये

अनुज भैय्या

अनुभव भैय्या


अनन्या साहू

अनन्या साहू


अनन्या साहू

अद्वैत खरे

मेरे प्यारे दोस्तों आप सभी का बहुत बहुत आभार इतने अच्छे चित्रों को लाने के लिए।
अगले बार हम एक painting compition रखने जा रहे हैं यदि आप इसमें भाग लेने को इच्छुक हैं तो कृपया अपने नाम, उम्र, पता और अपने बनाये चित्रों की तस्वीर हमारे पास 5अप्रैल तक भेज देवें। हमारा e mail पता है -
sahuroshani@gmail.com
और एक खास बात आपकी उम्र ६ साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।

Saturday, March 6, 2010

चिड़ियों की आवाज़

चिड़ियों ने आवाज़ उठाई,

कहाँ बनाये नीड़?

रोज पेड़ कटते जाते हैं,

बढ़ती जाती भीड़।

रोक कुल्हाड़ी बात हमारी,

सुनो जरा कुछ खास,

पेड़ ना होते तो फिर कैसे,

हम तुम लेंगे साँस।

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अनुभव भैय्या इतनेअच्छे गीतके लिए बच्चों की दुनिया की ओर से आपका बहुत बहुत आभार ...

तितली



तितली रानी तुम हो सुन्दर


तुम हो बड़ी खुबसूरत


जब खिल जाते हैं फूल सुन्दर


तब तुम बैठो फलों पर


जब तुम चुसो फूलों को


तब तुम में जाती है ताकत


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दिक्षा दीदी की एक Painting - "Nature"
दिक्षा दीदी आपको बहुत सारी शुभकामनायें....

"सूरज भईया, सूरज भईया"



अनुभव भैया आपने एक कविता और एक चित्र साथ लाया है...

हम सुनना चाहते हैं और देखना भी ,सुनाइए ना!

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सूरज भईया, सूरज भईया,

क्या मम्मी ने डांटा है,

गाल तुम्हारे लाल हो गए लगता खाया भाटा है.....

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हा हा हा .......

भईया आप जब भी आते हो हँसाते हो हमें....

आप हो भी बहुत प्यारे...

आप सदा खुश रहे...

आभार

sachin's poem- Examination & एक माँ की बेबसी

EXAMINATION
Oh, Its examination!
Must study with concentration,
Maths with its calculation,
English with its pronunciation,
Chemistry with its equation,
Physics with its variation,
History with its variation,
Civics with its constitution,
All the syllabus give us Tension,
But after the examination,
Its time for celebration,
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"एक माँ की बेबसी "
न जाने किस अदृश्य पड़ोस से
निकल के आता था वह
खेलने हमारे साथ
रतन, जी बोल नहीं सकता था
खेलता था हमारे साथ
एक टूटे खिलौने की तरह
था वह भी एक बच्चा।
लेकिन हम बच्चों के लिए अजूबा था
क्योंकि हमसे भिन्न था।
थोडा घबराते भी थे हम उससे
क्योंकि समझ नहीं पाते थे।
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सचिन भैया, कक्षा पांचवी के छात्र हैं ........
सचिन भैया हमें आपकी दोनों कविताएं बहुत पसंद आई....
आपका बहुत आभार इस सुन्दर सी कविता के लिए।