Saturday, March 6, 2010

"सूरज भईया, सूरज भईया"



अनुभव भैया आपने एक कविता और एक चित्र साथ लाया है...

हम सुनना चाहते हैं और देखना भी ,सुनाइए ना!

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सूरज भईया, सूरज भईया,

क्या मम्मी ने डांटा है,

गाल तुम्हारे लाल हो गए लगता खाया भाटा है.....

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हा हा हा .......

भईया आप जब भी आते हो हँसाते हो हमें....

आप हो भी बहुत प्यारे...

आप सदा खुश रहे...

आभार

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