Friday, December 25, 2009

मुझे जल्दी से अच्छा कर दो सांता क्लॉस....

मेरे प्यारे ईशु आपको अपने प्यारे आदित्य की ओर से बहुत बहुत प्यार.....
प्यारे सांता क्लॉस,...... मुझे जल्दी से अच्छा कर दो! ना...
सब कहते हैं झटके से मेरे दिमाग पर असर पड़ा है मुझे १ साल होने को है मै अभी तक बैठ भी नहीं पाता हूँ बोल भी नहीं पाता , मेरे उम्र के बच्चें चलना सीख रहे हैं उन्हें देख कर मेरी मम्मी निराश होजाती है फिर कहीं से हिम्मत बटोर कर मेरी देखभाल करती है ...
सांता क्लॉस मेरी मम्मी को भी हिम्मत देना क्योंकि वही तो मेरी हिम्मत हैं ....
मै जल्दी से ठीक होकर बच्चों के लिए बहुत कुछ करना चाहता हूँ....
मै अपने मम्मी - पापा दोनों को बहुत खुश देखना चाहता हूँ ...
प्यारे सांता क्लॉस मैंने सुना है की आप बच्चों से बहुत प्यार करते हो और उनकी हर इच्छा को पूरी करते हो .....मुझे जल्दी से अच्छा कर दोगे ना!
फिर मै तुम जैसा ही बन कर बच्चों को बहुत सारा प्यार करूँगा और खुश रखूँगा .....

Friday, December 18, 2009

हो जाए!...

चलिए हो जाए सैर-सपाटे अनन्या दीदी के साथ...
आज दीदी अपनी मम्मी, नाना - नानी और बड़ी मम्मी के साथ मैत्री गार्डन (भिलाई) गई थीं। वहाँ दीदी बहुत खुश थीं उन्होंने कुछ फोटो भेजी हैं जिन्हें मैं पोस्ट कर रहा हूँ आपके लिए, आप भी देखिये...
हा हा हा....इस भालू महराज को तो देखिये इतनी ठण्ड है फ़िर भी पानी में कैसे बैठा है?...
इसे तो ठण्ड भी नहीं लग रही है पर मुझे तो इसकी फोटो देखकर ही ठण्ड लग रही है....मम्मी ने मुझे बताया था की भालू को शहद बहुत पसंद है..यमी यमी ...मुझे भी बहुत पसंद है.... और यह देखिये सांभर को ...आपस में एक दूसरे को प्यार कर रहे हैं...
और आज मम्मी ने सांभर बनाई है मुझे समझ नहीं आ रहा है...सब्जी का नाम भी सांभर है और इनका नाम भी यही है...बड़ा गोलमाल है...कभी-कभी तो पूरा घूम जाता हूँ...
ओह! कितना सुंदर है यह पक्षी... इसका नाम पेविकिल है। इसकी चोंच कितनी लम्बी है...मछ्ली पकड़ने के लिए..है ना!
एक ,दो, तीन, पाँच, आठ.....
अरे आप लोग हंसते क्यों हो? ओहो मुझे गिनती नहीं आती इसलिए ना! आ जायेगी...
देखिये कितने सारे पेविकिल हैं सब अपने पंखों को साफ़ कर रहे हैं... मेरे भी पंख होते तो कितना मजा आता!


और यहाँ अनन्या दीदी क्या कर रही हैं?..ओहो! अब समझा... बड़ी मम्मी जहाँ अपने ब्लॉग "LIFE" में पोलीथिन बैग को लेकर परेशां हैं वहीं अनन्या दीदी को देखिये कचरे को डस्टबीन में डालकर एक अच्छे नागरिक का परिचय दे रही है।
वाह दीदी बहुत ख़ूब!