Monday, January 20, 2014

स्वागत है आपका :)

स्वागत है आदित्य बेटा जी.... आपके इस नई शरीर यात्रा में (मुझे पूरा विश्वास है कि आप ही हमारे पास आये हो)...
सभी बाल ब्लॉगर्स और प्रिय मित्रों व सखियों आपको सूचित करते हुए मुझे हर्ष हो रहा है कि हमारे प्रिय और चहेते बाल ब्लॉगर आदित्य साहू जो कि ब्लॉग "बच्चों की दुनिया" के सूत्रधार हैं वह पुन: अपनी नई और स्वस्थ शरीर यात्रा शुरू कर चुके हैं और मैं आशा करती हूँ कि यह नन्हा कलाकार बहुत ही जल्द आपको अपने एक नए अंदाज से परिचित कराएगा....
किसी कारण वश मैंने यह खुश खबरी आप सभी से छुपाये रखी| आज अचानक ही मुझे आदित्य की याद आई सोचा क्यों ना ये खुशियाँ अब सबके साथ बाँटी जाए :)
"आपका प्यारा, नन्हा आदित्य"... Again he wants your love and blessings...



Tuesday, April 17, 2012

अलविदा दोस्तों....


बहुत दिनों बाद पुनः एक नई और अंतिम कहानी के साथ आपके समक्ष प्रस्तुत हो रहा हूँ आशा है मैं आप सभी के दिलों में हमेशा के लिए अपनी जगह बना पाऊँगा...
एक बहुत ही छोटा सा प्यारा सा बच्चा था ३ साल का. वह कभी भी मुसीबतों से घबराता नहीं था. हमेशा मुस्कराता हुआ उसका चेहरा सबको खुश कर देता था. वह अपने घर की एकमात्र संतान जो बिस्तर में ३ साल से था क्योंकि उसकी ब्रेन की दवाइयाँ चल रही थी. उन दवाइयों की वजह से और दिमाग में आने वाले झटकों के कारण वह पूरी तरह से विकसित नहीं हो पा रहा था. इसके बावजूद घर के सभी सदस्य आशा के साथ उसके स्वस्थ होने की उम्मीद में थे. सभी उससे बहुत बहुत प्यार करते थे.
नाना जी, दादा जी और बड़े पापा उसके सबसे प्यारे थे. मम्मी पापा का लाडला, नाना-नानी का दोस्त, बाकि बच्चों का दुलारा वह बच्चा ८ अप्रैल को अस्पताल जाते जाते रास्ते में ही अपना शरीर त्याग दिया. और सबको अकेला छोड़ वह दूसरी शरीर यात्रा के लिए निकल पड़ा.
उस प्यारे से छोटे बच्चे के परिजन उसके अगले शरीर यात्रा में सुन्दर और स्वस्थ शरीर की कामना करते हुए उसे आशीर्वाद दिए.
आप सभी से निवेदन है कि आप भी इस दिवंगत आत्मा के सुन्दर भविष्य के लिए प्रार्थना करें.
क्या आप जानना चाहोगे यह प्यारा बच्चा कौन है?
यह, मैं.... याने आदित्य... आपका प्यारा दोस्त हूँ.....
आप सभी से बिछुड़ते मुझे बहुत दुःख हो रहा है पर एक सुन्दर और स्वस्थ शरीर की कल्पना से मुझे आशा की एक किरण नज़र आ रही है.
एक ऐसा स्वस्थ शरीर मुझे चाहिए जिससे मैं इस सुन्दर सृष्टि के लिए और मानवता के लिए कार्य कर सकूँ.......
आप सभी ने मुझे बहुत सा प्यार और आशीर्वाद दिया उन सबके लिए मैं आप सभी का शुक्र गुजार हूँ.....
आप सभी स्वस्थ और प्रसन्न रहें इसी कामना के साथ आपका प्यारा आदित्य आप सभी से विदा लेता है.
अलविदा प्यारे दोस्तों!
आपका प्यारा, नन्हां आदित्य

Tuesday, May 10, 2011

अनन्या दीदी अब हिंग्नाडीह में

हिंगनाडीह अभ्युदय संस्थान से लगभग २ किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक गाँव है और यह संस्थान कुम्हारी, रायपुर (छ. ग.) में है।
यहाँ एक फार्म हाऊस है वहाँ हमारी अनन्या दीदी रहती हैं। फ़्लैट संस्कृति का त्याग कर जीवन को प्रकृति के साथ जीने की कला सिखने गई हैं मेरी दीदी। दिन भर खेलती रहती हैं कभी गायों के साथ तो कभी बछड़ों के साथ। कभी अपने घर में तो कभी श्रमिक के घर में। कभी यहाँ खाना खाया तो कभी उनके घर खाया। कभी वह गन्नों के फसलों में नज़र आती है तो कभी भूसों के पहाड़ में फिसलती नज़र आएँगी।
अंशुमन भैया भी बहुत खुश है। भैय्या को तो बस एक बछड़ा चाहिए खेलने के लिए। दीदी के यहाँ २ दोस्त हैं एक भाग्या दीदी जो अभी ६ साल की हैं अभी school नहीं जाती पर उन्हें जीवन जीने के लिए जरूरी हर बात की शिक्षा दी जा रही है और वह अंशुमन भैया का बहुत ख्याल रखती हैं और एक बात यहाँ की सारी गाय देशी हैं और अच्छे नस्ल की हैं। यहाँ तो दूध की नदियाँ बहती हैं। ये दूध कुछ अभ्युदय संस्थान में शिविरों में उपयोग होता है बाकि जो भी बचता है उसे उसी गुणवत्ता के साथ या फिर उसके पेड़े बनाकर बेच दिया जाता है।
जीवन विद्या का एक school खुलने जा रहा है जो बिलकुल इसी तरह प्रकृति से जुड़ा हुआ होगा।यहाँ पर ये सब बच्चे पढ़ाई करेंगे । इन सभी बच्चों ने फ़्लैट संस्कृति का त्याग किया और जीवन जीने की एक अनोखी अदा सिखने को तैयार हैं। एक बात और बताऊँ यहाँ सभी बच्चों को जो यहाँ पढ़ना चाहते हैं उनके मम्मी पापा को कह दिया गया है यह मत सोचियेगा कि आपका बच्चा बारिश में नहीं भीगेगा उसके कपडे गंदे नहीं होंगे. वह बारिश में भी भीगेगा और उसके कपड़े भी गंदे होंगे. हा हा मुझे तो सोच के ही मजा आ रहा है कि क्या मजेदार पढ़ाई होगी? मुझे तो मिट्टी से खेलने में बड़ा मजा आता है मैं तो वहाँ बहुत खेलूँगा :D
तो ये रहा दोस्तों दीदी का गाज़ियाबाद से यहाँ तक का सफ़र।

अंशुमन और भाग्या दीदी

अनन्या दीदी मुरम में खेलते हुए

अनन्या दीदी और उनके दोस्त

अनन्या दीदी और भाग्या दीदी का गौशाला (फ़िलहाल अभी दीदी ने २ ही गायों को लिया है )


दीदी अपना गौशाला दिखाते हुए.


दीदी के पीछे बछड़े हैं जिनसे दीदी रोज मिलती हैं और उनसे खूब बात करती हैं.




और ये रही गन्नों की फसल



दीदी और दोस्त भूसे में खेलते हुए

दीदी की मम्मी, भाग्या की मम्मी और उनके दोस्त



अनन्या दीदी और मेनन

अंशुमन भैया और गाय :)

ये रही मेरी जन्मदिन की तस्वीरें :)

हालाँकि थोड़ी देर हो गई क्या करूँ मैं आपको अपने बारे में हर चीज वक्त से बताना चाहता हूँ पर अभी किसी कारणवश देरी हो रही है मैं जहाँ रहता हूँ न वहाँ Internet की थोड़ी समस्या है। ये रहे चित्र.....



दादा- दादी और मैं
मम्मी पापा








मेरी मम्मी और दादी ने मेरा जन्मदिन मनाने से मना कर दिया था लेकिन हमारे पड़ोसी बहुत ही अच्छे हैं मैं जब से वहाँ गया हूँ सब मुझसे बहुत प्यार करते हैं। यहाँ के बच्चे मेरा दिन रात मेरी चिंता करते हैं कोई बच्चा मेरी नज़र उतरता है तो कोई मेरे मुँह को साफ़ करता है कई बार तो मैं उनके बार वो भी कर देता हूँ :) फिर भी वे बुरा नहीं मानते और प्यार से हँसते हैं। एक बच्चे ने तो बोलना भी शुरू किया तो "आदि" कहकर. और कई बच्चे तो अपने मम्मी पापा से बहाना बना कर मेरे पास जाते हैं। अब मेरी मम्मी बेफिक्र हैं क्योंकि यहाँ सब मेरा ख्याल रखते हैं।
जन्मदिन की सारी तैयारियाँ तो हमारे पड़ोसियों ने कर दी थी. सबने खूब मजा किया और मुझे भी बहुत अच्छा लगा। मेरी दादी कहती है ऐसे पड़ोसी तो संसार में कहीं नहीं होंगे। मैं इस ब्लॉग के माध्यम से अपने सभी दोस्तों और बड़ों का आभार प्रगट करना चाहता हूँ। ये आप सभी का ही आशीर्वाद है कि मैं पहले से भी और अच्छी स्थिति में हूँ। आप सभी को मैं यह सन्देश देना चाहता हूँ चाहे कैसी भी परिस्थिति हो कभी मत घबराना हमेशा खुश रहना। वर्तमान में रहना क्योंकि वर्तमान से ही तो हमारा भविष्य बनता है पहले से ही यदि मेरी मम्मी हार मान जाती तो मेरा क्या होता? अब मेरी मम्मी ने वर्तमान में जीना सीख लिया है. और मैं देख रहा हूँ भविष्य अपने आप सँवरता जा रहा है. आप सभी की जिंदगी सुखमय और समृधि से भरी पूरी हो , कभी कोई कष्ट न आये ऐसा मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ.
आपका प्यारा आदित्य :)

Thursday, March 10, 2011

आपका प्यारा आदित्य

प्यारे दोस्तों आज मेरा जन्मदिन है आज सभी बहुत व्यस्त है तो मैं आपको किसी और दिन तस्वीरें दिखाऊंगा.
आप सभी के आशीर्वाद से मेरे तबियत में काफी सुधार आया है. और घर में सभी बहुत ही खुश हैं.
आप सब कैसे हैं? :) आप सभी अपना ध्यान रखियेगा.
आप सभी को बहुत बहुत प्यार....
आपका प्यारा आदित्य

Saturday, February 19, 2011

प्यारे दोस्तों आज मैं बहुत ही ज्यादा खुश हूँ मम्मी- पापा, दादा- दादी घर के सब बहुत ही खुश हैं...
क्यों???....
आज हम walker की मदद से चलने जो लगे किसी ने भी नहीं सोचा था कि हम चलने लगेंगे वह भी इतनी जल्दी क्योंकि हम किसी भी चीज को ठीक से पकड़ नहीं पाते ना!
मेरी एक auntie जो पड़ोस में रहती हैं, मुझसे बहुत ही प्यार करती हैं वह मुझे रोज Practice करवाती थीं. उनके घर में ही आज मैने चलना सिखा. मुझे चलता देखा वो ख़ुशी से उछल पड़ीं और उन्होंने अपने घर में सबको बुलाया.
है ना ख़ुशी वाली बात! :)
चलिए अब मैं आपको दूसरी और खबर बताता हूँ.
अनन्या दीदी ने घर में सब लोगों को बता दिया है कि वह अब School नहीं जायगी...
क्यों?
उसे उसकी teacher बहुत डांटती थी ना! उसे खिलौने भी नहीं छूने देती थी जबकि गाजियाबाद वाली Teacher उसे बहुत प्यार से पढ़ाती थी.
अनन्या को बहुत कहा गया "बेटा स्कूल जाओ..."और भी बहुत कुछ, दीदी ने कहा पहले मेरी Teacher को समझाये कि वो मुझसे प्यार से बात करें.
अब दीदी के पापा गए, teacher को समझाया गया उन्होंने कहा अब वह कभी नहीं डाँटेंगी. फिर क्लास में teacher ने दीदी से पुछा कि अनन्या प्यार से कैसे बोलते हैं? तब दीदी ने उन्हें प्यार से बताया " अनन्या ...बैग से पेंसिल निकालो....ऐसा बोलना चाहिए"
मेरी मम्मी कहती है तब तक तो school की घंटी बज जाएगी.... :)
वैसे अनन्या दीदी ने कहा है वह जीवन विद्या के school में ही पढ़ने जाएगी.
अब अंशुमन भाई ने भी चलना शुरू कर दिया है और अनन्या दीदी उनका बहुत ध्यान रखती है.
ओहो! बात-बात में तो मैं आपको ये बताना ही भूल गया कि अनन्या दीदी का जन्मदिन ४ जनवरी को बड़े धूम धाम से मना. दीदी ने कुछ चित्र भेजें हैं उन्हें मैं आपको दिखाता हूँ.
ये रहे-

अनन्या दीदी अंशुमन भाई के walker में (मम्मी ने मना किया है..फिर भी! humm)

अंशुमन भैय्या

भैय्या अपने walker में नानी - दादी के साथ

भैय्या के निराले अंदाज

दीदी के नाना जी balloon फूलाते हुए

और इधर बस फ्रिज खुला नहीं कि अंशुमन भैय्या पास में.

अनन्या दीदी की मम्मी और बड़ी मम्मी

अंशुमन भैय्या अंजली दीदी के साथ

दीदी के साथ आर्यन भैय्या, अंजली दीदी और अखिल भैय्या


आर्यन भैय्या और अनन्या दीदी की खूब पटती है लड़ाई और खेल ये तो चलता ही रहता है

अनन्या दीदी के बड़े पापा ,आशीष भैय्या और अखिल भैय्या

दीदी के दादा जी और नाना जी

और ये रहे दीदी के पापा (जो अनन्या को कभी नहीं डांटते) अंशुमन के साथ

अब ये क्या हो रहा है? दीदी Computer में मम्मी पापा का चित्र देखते हुए

अनन्या दीदी को मम्मी पार्टी के लिए तैयार कर रही हैं.

अब ये रही दीदी...कितनी सुन्दर लग रही है परी जैसे...
पर अब थोड़ा भाव भी बढ़ गया है हर कोई दीदी के साथ ही बैठना चाह रहा है तो थोड़ा इतराया भी जा रहा है.


ये है अंशुमन अपनी नानी के साथ

अब आई बारी केक काटने की पर ये दीदी के मामा क्या कर रहे हैं ?

दीदी के कुछ खिलौने जो उनको बहुत पसंद हैं उन्हें भी साथ में रख दिया है :D




अब केक में मोमबत्तियां जल गई हैं




दीदी उन्हें बुझाना चाहती हैं पर पहले दीदी की पूजा होगी
सो दीदी नाराज़ हैं :)

पूजा ख़त्म और दादा जी ने पहले टिका लगाया

फिर नाना जी ने

फिर बड़े पापा ने.घर के सभी लोगों ने टिका लगाया

यह है दीदी का प्यारा सा केक



केक कटते ही घर दीदी को "happy birth day Annyaa " की आवाज़ से गूंज उठा
मम्मी ने दीदी का हाथ पकड़ कर केक कटवाया


दादा जी ने दीदी को केक खिलाया पर दीदी तो खुद से निकाल कर खाना चाहती है

लेकिन मम्मी ने केक ले लिया अब क्या करे तो दीदी का पारा चढ़ गया

एक तो मम्मी ने केक कटवाया और खाने भी नहीं दिया अब चाकू भी छीना जा रहा है....humm

कोई बात नहीं है दीदी ये देखो आपके लिए केक आ गई

दीदी खाने में मगन

और उन्हें उपहार भी दिया जा रहा है पर केक ज्यादा महत्वपूर्ण है सो पहले उसे ख़त्म किया जाये

अब अनन्या दीदी ने सबको चॉकलेट बांटा


घर में भोजन हुआ
अब आई बारी gift देखने की बहुत से गिफ्ट मिले थे दीदी बहुत खुश हुई

और भैय्या भी दीदी के गिफ्ट के packing से. :)